राजधानी दिल्ली में मच्छर जनित बीमारियों का जोर बढता हुआ दिख रहा है। नगर निगम की ओर से मच्छर की पैदावार से संबंधित नोटिस की संख्या से तो यही लगता है। कोरोना के एक बार फिर से बढते प्रभाव के बीच अगर दिल्ली में डेगू, मलेरिया और चिकनगुनिया ने लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया तो यह लोगों के लिए परेशानी बढाने वाला सबब साबित हो सकता है। चिकित्सकों ने विशेषतौर पर आगाह किया है कि मच्छर बढाने वाले कारणों को दूर करने की दिशा में आम लोगों को भी ध्यान देना चाहिए।
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नई दिल्ली : दिल्ली में मच्छरों लार्वा पाए जाने पर लोगों को बडी तादाद में नोटिस जारी कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। निगम ने स्वास्थ्य विभाग से उन सभी लोगों के खिलाफ डीएमसी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है, जो मच्छरों के प्रजनन को बढाने के लिए जिम्मेदार पाए गए हैं।
पिछले साल इस समय तक दिल्ली में मलेरिया के आठ, डेंगू के 30 और चिकनगुनिया के महज चार मामले ही सामने आए थे। इस साल तस्वीर बदली हुई है। राजधानी में अभी तक मलेरिया के 19, डेंगू के 118 और चिकनगुनिया के आठ मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
ध्यान देने की बात है कि इन सभी मामलों में से डेंगू के मामले तेजी से बढते हुए दिख रहे हैं। निगम की ताजा रिर्पोट के मुूताबिक इस हफ्ते फिर से डेंगू के सात नए मामले दर्ज किए गए हैं।
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यहां बता दें कि मच्छर जनित बीमारियों के मामले में पिछले साल दिल्ली में कई साल का पुराना रिकॉर्ड टूट गया था। बीते वर्ष के शुरूआत में राजधानी में डेंगू उतना प्रभावी नहीं था लेकिन साल के आखिरी कुछ महीनों में डेंगू के डंक से दिल्ली वाले तेजी से बीमार होने लगे थे।
नतीजा यह रहा कि साल के अंत तक डेंगू के रिकॉर्ड 9613 मामले सामने आए और 23 लोगों की मौत भी हो गई। पिछले साल इस समय तक दिल्ली नगर निगम ने 8537 लोगों को कानूनी नोटिस जारी किया था लेकिन इस साल यह आंकडा 27001 तक जा पहुंचा है।