हेल्थ रिपोर्ट 2022 : हेल्थ के मामले में दुनिया में किस तरह की रही हलचल
ऑटो इम्यून डिसऑर्डर का सामना कर रहे लोगों को अपने डाईट का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। आपकी डाईट अगर संतुलित और बीमारी की नेचर के अगेंस्ट होगी तो आधी लडाई आप आसानी से जीत सकते हैं। अक्सर यह देखा जाता है कि लोग बीमारियों के उपचार या नियंत्रण का जरिया दवाइयों को मानकर उसे समय से लेने का नियम पालन तो करते हैं लेकिन अपनी डाईट पर ध्यान नहीं दे पाते। साधारण सा नियम है, दवा भी तभी असर करेगी जब शरीर उसे स्वीकार करेगा और अगर शरीर को इस लायक बनाना है कि जो आप शरीर को दे रहे हैं, उसे वह स्वीकार करे तो अपने शरीर को पोषण दीजिए।
नई दिल्ली : ऑटो इम्यून डिसऑर्डर वैसे तो कई प्रकार के होते हैं और उनकी नेचर भी अलग-अलग होती है लेकिन ज्यादातर ऑटो इम्यून बीमारियों में पेन और इंफ्लामेशन की समस्या कॉमन है। हम यहां जो आपको डाईट चार्ट बताने जा रहे हैं, वह एक कॉमन डाईट है, जो करीब हर तरह के ऑटो इम्यून डिसाऑर्डर के मरीजों पर लागू किया जा सकता है। ध्यान रहे कि अगर आप किसी विशेष डाईट को को चिकित्सकीय परामर्श के मुताबिक फॉलो कर रहे हैं, तो आप हमारे बताए गए डाईट चार्ट के विषय में एक बार अपने चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें।
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नाश्ता –
सुबह का नाश्ता आपके संपूर्ण स्वास्थ्य की बुनियाद होती है। कहावत है सारे काम भले ही भूल जाएं लेकिन सुबह का नाश्ता अगर भूल गए तो दिनभर की सारी मेहनत बेकार है। सुबह का नाश्ता शरीर को स्वस्थ रखने के साथ आपके वजन को नियंत्रित करने में भी अहम भूमिका निभाता है। इसलिए कोशिश करें कि सुबह का नश्ता कभी मिस न हो। आपके लिए बेहतर रहेगा अगर आप सुबह का नाश्ता 8 बजे तक करे ले। सुबह उठते ही आप अपनी दिनचर्या ग्रीन टी और अखरोट, भींगे बादाम, किसमिस, छुहारे और अंजीर आदि के साथ कर सकते हैं। इसके आधे घंटे के बाद पेाहा, उपमा, अंकुरित अनाज या फिर इच्छा के मुताबिक रोटी, मिक्स वेज और एक प्लेट मिक्स सलाद के साथ शुरू कर सकते हैं। ध्यान रहे कि सलाद आपके नाश्ते का अहम हिस्सा है। इसमें आप विभिन्न प्रकार के फलों को भी शामिल कर सकते हैं। सलाद न केवल पाचनतंत्र को सुचारू बनाता है बल्कि शरीर में विटामिन और मिनरल्स का पोषण भी प्रदान करता है। इसके अलावा आपके शरीर के विषैले तत्वों को भी बाहर निकालने में सलाद मदद करता है।
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दोपहर का खाना-
बेहतर रहेगा कि अगर आप दोपहर का खाना एक बजे तक खा लें। आप अपने भोजन में इच्छानुसार रोटियों के साथ एक कटोरी सब्जी, आधाकप चावल (मांड निकाला हुआ) एक कटोरी दाल और एक प्लेट सलाद ले सकते हैं। कोशिश यह करें कि आप रोजाना एक अलग हरी सब्जी लें। हरी और पत्तिदार सब्जियां शरीर को पोषण देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अलावा कोशिश करें कि रोजाना एक प्लेट ताजा दही लें। ताजा दही मतलब फ्रिज में रखी गई दो दिन पुरानी दही नहीं। बल्कि एक रात पहले तैयार किया गया दही से है। कई ऑटो इम्यून बीमारियों में दही विपरीत तरह से प्रतिक्रिया करती है। इसका असर मरीजों की शरीर पर अलग-अलग तरह का हो सकता है। कुछ की तकलीफ बढ सकती है तो कुछ लोगों की तकलीफ नही बढती। दही कई बार दर्द और सूजन को बढा सकती है। इसलिए दही लेकर देखें अगर लक्षण बिगडता है तो दही न लें और अगर सबकुछ ठीक रहता है तो रोज दही को आहार में जरूर शामिल करें।
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शाम का स्नैक्स –
शाम में आप 1 कप ग्रीन टी या ब्लैक कॉफी के साथ 2 से 3 मल्टीग्रेन या चोकरयुक्त आटे से बनी बिस्किट ले सकते हैं। इस समय दूध के साथ छुहारे लेना भी बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। शाम के नाश्ते में और अधिक स्वाद जोडने के लिए नमकीन और रोस्टेड फ्लैक्स सीड (तीसी के दाने) भी ले सकते हैं।
रात का भोजन
कोशिश करेें कि रात का भोजन 7 से 8 बजे के बीच कर लें। रात का खाना जितना हो सके हल्का लें। आप इसमें अलग अलग तरह की दलिया, खिचडी भी शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा 1-2 पतली रोटियों के साथ 1- कटोरी हरी सब्जी और 1- कटोरी पतली मूंग दाल ले सकते हैं। इसके बाद सोने से 30 मिनट पहले 1 कप दूध अपने आहार में जरूर शामिल करें।
ऑटो इम्यून रोगी इन चीजों का कर सकते हैं सेवन –
हरी सब्जियां, फ्रूट्स, मछली, सीफूड्स, ऑर्गन मीट, फ्रमेटेड प्रोबायोटिक रिच फूड, नारियल तेल, ऑलिव ऑयल और एवोकाडो ऑयल, अखरोट, बादाम, अंजीर, ब्राउन या रेड राईस, चोकर युक्त आटा (आईबीडी और क्रॉन्हस वाले मरीज इसे न लें) इत्यादि।
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आटो इम्यून रोगी इनका न करें सेवन –
रिफाइंड युक्त चीजें जैसे- ब्रेड, पास्ता, ओट्स, बार्ले को अपने डाइट में शामिल न करें।
बींस, मूंगफली, टोफू इत्यादि को अपने डाइट में शामिल करने से बचें।
बैंगन, आलू, टमाटर जैसी सब्जियों को खाने से बचें।
कच्चा अंडा को अपने डाइट में शामिल न करें।
इसके अलावा शराब, धूम्रपान से दूर रहें।
इन बातों का भी रखें ध्यान –
नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
सुबह शाम जरूर टहलें।
समय पर खाना खाएं।
स्ट्रेस से जितना हो सके बचें।
अपनी दिनचर्या बनाए और उसके हिसाब से अपने पूरे दिन की योजना फॉलो करें।
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