घर की महिलाओं का स्वास्थ्य प्रभावित होने का मतलब है पारिवारिक स्वास्थ्य प्रभावित
नई दिल्ली| टीम caasindia : परिवार की गाडी महिला और पुरुष दोनों के ही संतुलन से चलती है। अगर यह संतुलन बिगड जाए तो पूरे परिवार की प्रगति प्रभावित होती है। जब बात महिला के स्वास्थ्य की हो तो मामला और महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि घर की महिला संपूर्ण परिवार के स्वाथ्य की बुनियाद होती है। हमारे देश में आज भी किचन महिलाओं के ही कर्मठता से चलता है। हालांकि, बदलते वक्त के साथ शहरी आबादी अब पुरानी पंरपराओं को तोडकर थोडा आगे निकल चुकी है।
लोगों की बदलती विचारधारा के साथ शहरी रसोई का दस्तूर भी तेजी से बदल रहा है। जबकि, वक्त की कमी के कारण शहरी परिवारों के भोजन की आदतों में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। इन सबसे कहीं न कहीं महिलाओं का भी स्वाथ्य प्रभावित हो रहा है। महिलाओं पर यहां चर्चा इसलिए हो रही है कि हर साल सितम्बर के आखिरी बुधवार को राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य और फिटनेस दिवस (National Women’s Health and Fitness Day) के तौर पर आयोजित किया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य और फिटनेस के महत्व को बढ़ावा देना है। हेल्थ इंफॉर्मेशन रिसोर्स सेंटर ने साल 2002 में इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी।
आप रहेंगी फिट तो परिवारिक जीवन होगा सुपर हिट :
नियमित रूप से 30 मिनट तक एक्सरसाइज करें :
खुद को फिट रखने के लिए महिलाएं नियमित रूप से एक्सरसाइज करने का लक्ष्य निर्धारित कर सकती हैं।
रोजाना एक्सरसाइज करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
फिट रहने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट रनिंग, ब्रिस्क वॉकिंग या साइकिलिंग कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, आप घर में रहकर भी योग किया जा सकता है।
नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराएं :
कुछ अंतराल पर जरूरी स्वाथ्य जांच जरूर करवाएं।
अगर आपकी आयु 18-39 के बीच है तो मधुमेह की जांच, आंखों की जांच, रक्तचाप की जांच, पैप स्मीयर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं।
40 साल से अधिक आयु वाली महिलाओं को कोलोनोस्कोपी, मैमोग्राम और ऑस्टियोपोरोसिस स्क्रीनिंग जैसे टेस्ट भी जरूर कराने चाहिए।
फिटनेस ट्रैकर की मदद से गतिविधियों को नियंत्रित करें :
स्वास्थ्य पर नजर रखने समेत फिटनेस लक्ष्यों को पूरा करने के लिए फिटनेस ट्रैकर की मदद लेना बेहतर साबित होगा।
ट्रैकर्स वर्कआउट, आपके फुट स्टेप्स, हृदय गति, नींद और कैलोरी को माप सकते हैं।
सेल्फ ट्रैकिंग रोजाना के एक्सरसाइज सेशन को बढ़ावा देने में काफी मददगार साबित हो सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य का भी रखें ध्यान :
शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ्य रहने के लिए इसपर ध्यान देना जरूरी है।
रोजाना कुछ मिनट मेडिटेशन और योग के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने की दिशा में पहल करें।
फुर्शत के पल में जरूरत से अधिक टीवी के पास न बैठे, इससे बेहतर होगा कि तरह-तरह के पजल हल करने में समय बिताएं।
पजल हल करते समय दिमाग कई संज्ञानात्मक क्षमताओं का इस्तेमाल करता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
पौष्टिक आहार लें :
अक्सर यह देखने को मिलता है कि परिवार में महिलाएं सभी को भोजन खिलाती है लेकिन जब अपने भोजन की बारी आती है तो लापरवाह हो जाती हैं।
शरीर को फिट रखने और उचित शारीरिक वजन बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। स्वस्थ आहार शरीर को अंदरूनी ताकत देने में सहायक होता है।
अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक खाद्य और पेय पदार्थों को शामिल करें।
मीठी खान-पान की चीजों और प्रोसेसड खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। ये आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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