इस ऑटोइम्यून स्थिति वाले लगभग 35% लोग होते हैं यूवेइटिस से प्रभावित
नई दिल्ली, टीम caas india : क्या आप Ankylosing Spondylitis (AS) से पीडित हैं और आपकी आंखों में दर्द की समस्या है? अगर ऐसा है, तो आपको सर्तक हो जाने की जरूरत है। AS एक प्रकार का सूजन से संबंधित गठिया है। इसमें स्टिफनेश, थकान और दर्द का अनुभव होता है। ऑटोइम्यून की यह स्थिति आंखों में भी सूजन का कारण बन सकती है। इसे चिकित्सकीय भाषा में यूवेइटिस (uveitis) कहते हैं।
AS वालों को क्यों होता है आंखों में दर्द ?
Ankylosing Spondylitis (AS) से पीडित मरीजों को आंखों में दर्द क्यों होता है, इस सवाल का जवाब पूरी तरह मेडिकल साइंस के विशेषज्ञों के पास भी नहीं है। जिस तरह AS क्यों होता है, इसका जवाब आजतक ढूढा नहीं जा सका है। ठीक उसी तरह AS के मरीजों को यूवेइटिस (uveitis) क्यों होता है, इसका कारण भी स्पष्टतौर पर ज्ञात नहीं है। नेत्र रोग विशेषज्ञ और सर्जन डॉ. ऋतु अरोडा के मुताबिक Ankylosing Spondylitis (AS) जैसी ऑटोइम्यून स्थितियों के साथ, आपका शरीर अपने ही ऊतक के खिलाफ काम करने लगता है।
… तो इसलिए Ankylosing Spondylitis में होता है आंखों में दर्द | Photo : Pixabay
विशेषज्ञों को लगता है कि यूवेइटिस के मामले में भी कुछ ऐसा ही हो सकता है। यह भी संभव है कि इस समस्या के पीछे कोई रोगजनक हो, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को अपने ही शरीर के खिलाफ हमलावर होने के लिए प्रेरित करता हो।
AS की तरह ही एचएलए-बी27 (HLA-B27) नामक एक निश्चित जीन और यूवेइटिस (uveitis) के बीच कोई लिंक भी हो सकता है। जिसके कारण एक ही रोगी में एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस और यूवेइटिस दोनों की मौजूदगी रहती है।आंकडों की अगर बात करें तो एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (AS) वाले 25% से 35% व्यक्तियों में किसी न किसी प्रकार का यूवेइटिस की समस्या पाई जाती है। यूवेइटिस आमतौर पर एक समय में केवल एक आंख को प्रभावित करता है। हालांकि, दोनों आंखों में एक साथ लक्षण होना भी संभव है।
यूवेइटिस का अगर समय रहते उपचार नहीं कराया गया, तो यह समस्या आपकी दृष्टि को नुकसान पहुंचा सकती है और संभावित रूप से अंधेपन का कारण भी बन सकती है। अधिक उम्र के मरीजों में यूवेइटिस मोतियाबिंद या ग्लूकोमा विकसित होने का कारण बन सकता है। अगर आप AS से पीडित हैं और पहले से ही आपको आंखों से संबंधित किसी प्रकार की समस्या है, तो तत्काल इसकी जानकारी अपने चिकित्सक को दें। जानकारी होने पर आपके चिकित्सक AS के साथ यूवेइटिस का भी उपचार शुरू करेंगे। शुरूआती अवस्था में ही यदि यूवेइटिस का उपचार शुरू कर दिया जाए तो इसके उभरने की संभावना को कम किया जा सकता है। यह समस्या कुछ अंतराल पर या कई बार लंबे समय तक मरीजों को प्रभावित करताी है।
उपचार के विकल्प :
यूवेइटिस के उपचार के विकल्पों में कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी आई ड्रॉप या आई ड्रॉप शामिल हो सकते हैं।इसके अलावा नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) या रोग-संशोधित एंटी-रूमेटिक ड्रग्स (DMARDs), बायोलॉजिक थेरेपी का भी इस्तेमाल चिकित्सकीय परामर्श के साथ किया जा सकता है। इन दवाओं बिना चिकित्स्कीय परामर्श के उपयोग करना खतरनाक साबित हो सकता है।
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अस्वीकरण (Disclaimer)
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