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सूडो बायोसाइंसेज विकसित कर रही है नई दवा
हाईलाइट्स
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : एंक्लिोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (ankylosing spondylitis) के उपचार में काम आने वाली नई दवा की खोज (New drug for ankylosing spondylitis) करने के लिए कार्य किया किया जा रहा है। इस दवा के विकास के लिए अभी 37 मिलियन डॉलर का निवेश किया जाएगा।
सूडो बायोसाइंसेज (Sudo Biosciences) ने एंकाइलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (AS) जैसी प्रतिरक्षा-मध्यस्थ भड़काऊ स्थितियों (immune-mediated inflammatory conditions) के उपचार के लिए संभावित विरोधी भड़काऊ दवाओं (anti-inflammatory medicines) के रूप में टीवाईके 2 अवरोधकों के विकास को समर्थन देने के लिए श्रृंखला ए में $ 37 मिलियन का वित्तपोषण हासिल किया है।
कंपनी ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए बयान जारी करते हुए नई फंडिंग की घोषणा की और कहा कि सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों को नैदानिक परीक्षण के माध्यम से स्थानांतरित किया जाएगा। सूडो के सीईओ स्कॉट बर्ड के मुताबिक टीवाईके 2 अवरोधक जल्दी से विरोधी भड़काऊ चिकित्सा विज्ञान के अगले प्रमुख वर्ग के रूप में उभर रहे हैं।
हालांकि AS कोई प्रभावी उपचार उपलब्ध नहीं है लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के लिए उपचार उपलब्ध हैं। अध्ययन के तहत उपचारधीन लोगों को भी शामिल किया गया है। इनमें से कुछ प्रायोगिक उपचार के तहत जानूस किनेसेस (जेएके) नामक एंजाइम की क्रिया को अवरुद्ध किया जाता है। ताकि मरीज के लक्षणों को नियंत्रित कर उन्हें राहत प्रदान की जा सके। ये एंजाइम एक कोशिका की सीमा (झिल्ली) के अंदरूनी हिस्से के पास होते हैं। जहां वे कोशिका के


बाहर से रासायनिक संकेतों को उसके संचालन केंद्र (नाभिक) तक पहुँचाने का कार्य करते हैं। कई बीमारियों में होने वाली सूजन की प्रक्रिया में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इनकी क्रिया को अवरूद्ध करके इन रोगों के लक्षणों को कम करना संभव है।
TYK2 – tyrosine kinase 2 इसी तरह का एंजाइम है। TYK2 कुछ साइटोकिन्स द्वारा भेजे गए रासायनिक संकेतों को प्राप्त करता है। यह छोटे प्रोटीन होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को बढ़ाने में मदद करते हैं। TYK2 को अवरुद्ध करके सोरायसिस, सोरियाटिक गठिया और ल्यूपस जैसी बीमारियों के लक्षणों में राहत दिलाई जा सकती है। अध्यनों में इसके प्रभावी होने के सबूत पाए गए हैं। ये सभी बीमारियां प्रतिरक्षा-मध्यस्थ सूजन संबंधी बीमारियां हैं। साक्ष्य बताते हैं कि यह नई दवा AS सहित अन्य बीमारियों के रोगियों को भी लाभान्वित कर सकते हैं।
यहां बता दें कि JAK एक दूसरे से जुड़ी चार इकाइयों (डोमेन) से मिलाकर बनाया गया है। अधिकांश अवरोधक इनमें से एक डोमेन को लक्षित करते हैं। जिसे JH1 कहा जाता है। हालाँकि, JH1 डोमेन विभिन्न JAK में बहुत समान दिखता है। इसका मतलब यह है कि ये अवरोधक एक से अधिक एंजाइम के साथ क्रॉस-रिएक्शन कर सकते हैं, जिसका दुष्प्रभाव भी हो सकता है।
साइड इफेक्ट की संभावना होगी कम :
कंपनी के मुताबिक सूडो की पाइपलाइन में TYK2 अवरोधकों को किसी अन्य डोमेन को लक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जिसे JH2 या स्यूडोकाइनेज कहा जाता है। यह TYK2 अवरोधकों को अधिक चयनात्मक बनाता है और इसकी साइड इफेक्ट होने की संभावना भी कम होगी। कंपनी के सीईओ बर्ड ने कहा कि “थोड़े समय में, हमने अपनी पाइपलाइन में चार अलग-अलग TYK2 स्यूडोकाइनेज प्रोग्राम विकसित करने में कामयाबी हासिल की है। यह सभी विशिष्ट रूप से सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास श्रेणी के अग्रणी प्रदर्शन वाले होंगे।
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उन्होंने कहा कि सीरीज़ ए फाइनेंसिंग का नेतृत्व फ्रैज़ियर लाइफ साइंसेज ने किया था। जिसने 2020 में सूडो और वेलोसिटी कैपिटल की खोज में मदद की थी। उन्होंने कहा कि “हमारी टीम ने पिछले दो वर्षों में फ्रेज़ियर और वेलोसिटी से रणनीतिक और वित्तीय सहायता के साथ महत्वपूर्ण प्रगति की है। फ्रैज़ियर के जनरल पार्टनर डैन एस्टेस ने कहा कि “ऑटोइम्यून विकारों वाले रोगियों के लिए सटीक TYK2 चिकित्सीय समाधान को आगे बढ़ाने के लिए वह सूडो टीम के साथ तत्परता से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बीमारियों के मरीजों को अगर हमारी खोज और प्रयासों से लाभ पहुंचता है तो यह हमारे लिए गर्व का विषय होगा।
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